दस दिवसीय नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का शुभारंभ

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नोखा(बीकानेर)11 जून 25

विद्या भारती जोधपुर प्रांत की योजनानुसार आदर्श शिक्षण संस्थान, बीकानेर व नागौर जिले के तत्वावधान में संचालित विद्यालयों का नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का शुभारम्भ वन्दना सत्र के साथ आदर्श विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक, नोखा में शुरू हुआ।
वन्दना सत्र का शुभारम्भ समाजसेवी व व्यवसायी अनिल जैन, आदर्श शिक्षण संस्थान जिला मंत्री अमोलकराम ज्याणी, नागौर जिला सचिव रामसिंह राठौड़ ने दीप प्रज्ज्वलन किया।
मुख्य वक्ता जिला मंत्री ने कहा कि विद्या भारती विद्यालयों में कार्य करने वाले हम सब नवीन आचार्य हैं। यहां मानवता की शिक्षा प्राप्त होती है। अपना ध्यान प्रशिक्षण पर केंद्रित करना है। विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, विश्व के सबसे बड़े गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के रूप में 13000 से ज्यादा विद्यालयों, 13000 से अधिक संस्कार केन्द्रों एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयों के रूप में अनौपचारिक शिक्षा केन्द्रों में 1.5 लाख प्रशिक्षित आचार्य/दीदी, 3 लाख शिक्षाविद् मिलकर 35 लाख विद्यार्थी भैया-बहिनों को संस्कार युक्त शिक्षा दे रहे हैं। 50 लाख से ज्यादा पूर्व छात्र समाज जीवन के हर क्षेत्र में पवित्र भाव से श्रेष्ठ नागरिक के दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।
1952 में गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) से कुछ शिशुओं के साथ सरस्वती शिशु मंदिर से कार्य प्रारम्भ कर आज विद्या भारती ने यह विराट स्वरूप प्राप्त किया है। भारत के प्राचीन एवं सनातन वाङ्गमय वेद, उपनिषद, पुराण, ऋषियों एवं आचायों के द्वारा सुविचारित शिक्षा के सत्य स्वरूप को ग्रहण कर विद्या भारती ने शिक्षा जगत में अपना यह स्वरूप प्राप्त किया है। शिक्षा को राष्ट्र निर्माण और प्रगति का एकमेव प्रभावी साधन मानते हुए संस्कारों की शिक्षा, बालकों के सर्वांगीण विकास की शिक्षा एवं सामाजिक चेतना का केन्द्र बन कर “वसुधैव कुटुम्बकम्” का भाव जागृत करने का कार्य विद्या भारती कर रही है।
सचरित्र, संस्कारों, वसुधैव कुटुम्बकम् एवं कृणवन्तो विश्वमार्यम् जैसे सद्गुणों की जननी इस भारतभूमि में ही आज युवकों का चरित्र पतन सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहा है। अपने देश के गौरव को विस्मृत कर, स्वाभिमान शून्य हो, पाश्चात्य विकृतियों की ओर उनका रूझान स्पष्ट दिखाई देता है। इसका मूल कारण सुयोग्य शिक्षा का नितान्त अभाव मात्र ही है। इस अभाव की पूर्ति करने हेतु ही विद्या भारती का शुभारम्भ हुआ। बालक के हृदय में सद्गुण और संस्कार विकसित करके उसका नाता देश की माटी और पूर्वजों से जोड़कर उसमें समाज के प्रति अपनत्व और राष्ट्रभक्ति का उद्दात भाव विकसित करने के उद्देश्य से श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण एवं उनके माध्यम से राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करना ही विद्या भारती का लक्ष्य है।
नागौर जिला सचिव रामसिंह राठौड़ ने बताया कि प्रशिक्षण वर्ग में 52 आचार्य, दीदी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं यह प्रशिक्षण वर्ग 10 दिवस तक चलेगा। प्रबंध प्रमुख आशीष डागा ने आचार्य प्रशिक्षण शिविर की जानकारी दी। इस अवसर पर प्रबंध समिति उपाध्यक्ष अनिल जैन, प्रशिक्षण प्रमुख रामसुखलाल, प्रधानाचार्य, रघुवीर सिंह राठौड़, अनिल बोड़ा आदि उपस्थित रहे।

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