

श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर से ऊपर एक क्षेत्र है जिसका नाम है पहलगाम यहां पर एक पिकनिक स्पॉट बना हुआ है जो की अमरनाथ गुफा में जाने वालों के लिए भी ठहराव का एक उत्तम स्थान है यहां पर सैकड़ो की संख्या में कश्मीर की वादियों।का आनंद लेने आते हैं और यहां पर ही धरती का स्वर्ग कहलाने वाला वह दृश्य है जिसे देखकर वर्षों का तनाव दूर हो जाता है और प्रकृति की गोद में मनुष्य आनंद लेने के लिए पहुंचते हैं ।
लेकिन कुछ मनचले क्रूर मानसिकता के आतंकवादियों ने यहां पर आनन्द लेने आये सैकड़ो लोगों पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी इन सैकड़ो लोगों में वह युवा दंपति भी थे जिनकी शादी हुए 5-7 दिन से 5- 6 महीने की हुए थे इनके साथ में वृद्ध माता-पिता तथा छोटे-छोटे बच्चे भी थे।

कहते है आंतकवाद की कोई जाति नहीं होती लेकिन प्रत्यक्ष दर्शियों का कहना है कि इन दुर्दांत आतंकियों ने 28 लोगों को नाम व धर्म पूछ कर निर्मलता पूर्वक गोलियों से भून दिया इससे लोगो में अफरा तफरी का माहौल हो गया,वो इस स्थान को छोड़कर नीचे की तरफ भागने लगे जिनकी जान बची वह घायल भी थे उनको मिलिट्री के अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया यह दृश्य था उस दिन का जब आतंकियों ने हंसते खेलते परिवारों को अपने नापाक इरादों से अंधाधुंध गोलीबारी कर मौत के घाट उतार दिया!
भारत के प्रधानमंत्री उस समय सऊदी अरब के दौरे पर थे तो अमेरिका के उपराष्ट्रपति भारत के दौरे पर थे जब प्रधानमंत्री को इस घटना का पता चला तो उन्होंने रात्रि का डिनर छोड़कर भारत की ओर प्रस्थान किया और गृहमंत्री को श्रीनगर जाने का आदेश दिया।


गृहमंत्री महोदय पहुंचे भी और राज्यपाल तथा जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री के साथ हालात का जायजा लिया रात्रि यहीं पर विश्राम किया अब प्रश्न यह उठता है कि ???जब जम्मू कश्मीर में हर समय आतंकियों का अड्डा रहता है कश्मीर की घाटियों में आए दिन आतंकियों द्वारा कुछ ना कुछ घटनाएं घटित की जाती है कभी यात्रियों से भरी बस के ऊपर गोलियां चलाना तो कभी पद यात्रियों को पत्थरों से मारना?
चुकी जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है और यहां पर पुलिस तथा अन्य प्रशासनिक आदेश केंद्र सरकार द्वारा ही संचालित होते हैं यहां पहुंचने वाले सैलानियों की व्यवस्था और सुरक्षा भी केंद्र और राज्य दोनों की सरकार की देखरेख में होती है यहां खुफिया एजेंसी भी कार्यरत है जिन्होंने कुछ दिन पूर्व ही अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पहलगाम में आतंकी हमला हो सकता है ??उस रिपोर्ट पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया ??और घटना वास्तव में दिल जलाने वाली हो गयी हालांकि केंद्र सरकार के मंत्रियों ने यह मानना है कि सुरक्षा में चूक रही है जिसकी जांच की जा रही है जांच भी हो जाएगी लेकिन 28 जनों की जान वापस नहीं आएगी यह कटु और कड़वा सत्य है आज पूरा देश इन्हीं प्रश्नों ??के उत्तर की प्रतीक्षा में भी है ??साथ ही देश का प्रत्येक बच्चा,युवा,महिलाएं,बुजुर्ग यह चाहते हैं कि आतंकियों को तुरंत दबोचा जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए?? लेकिन केंद्र सरकार कूटनीतिक तरीके से पड़ोसी देश को हतोत्साहित करने की कोशिश में है इसके लिए उन्होंने सिंधु नदी के जल को पाकिस्तान की ओर जाने पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है विशेषज्ञों का यह मानना है कि सिंधु नदी के जल को पूर्णत्या रोका नहीं जा सकता क्योंकि सिंधु जल समझौता यह अनुमति नहीं देता की इस समझौते को रद्द कर दिया जाए,साथ ही बाघा अटारी बॉर्डर सीज कर दिया है, दोनोँ देशों के नागरिकों को अपने मूल देश में जाने का अल्टीमेटम दिया गया है।
उधर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी अनंतनाग जाकर घायलों की कुशल क्षेम पूछी तथा कैंडल मार्च निकालकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की पूरे देश में प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक संगठन प्रत्येक राजनीतिक दल के लोग प्रतिदिन किसी न किसी तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं
उधर पाकिस्तान में भी इस आतंकी हमले को लेकर भारत द्वारा कभी भी आक्रमण किए जाने की आशंका को देखते हुए पीओके पर अतिरिक्त सेना भेजी गई है दोनों तरफ तनावपूर्ण स्थिति है लेकिन भारत की 140 करोड़ जनता आतंकियों के इस जधन्य अपराध का कड़ा जवाब देना चाहती है।
टीवी पर इसी विषय पर दिनभर बहस चलाती है,उसमे रिटायर्ड रक्षा विशेषज्ञ,कर्नल, मेजर और कूट राजनीतिक विशेषज्ञ अपने बयान भी बेबाकी से कह रहै है कि सरकार को सीधा हमला करना चाहिए।
लेकिन केंद्रीय सरकार कूटनीति का सहारा लेते हुए पाकिस्तान को झुकाने का प्रयास कर रही है इससे भारत की जनता केंद्र सरकार के आगामी निर्णय पर तकतकी लगाए हुए हैं??